नमस्कार ,
आज फिर हम बात करेंगे तनाव की अर्थात स्ट्रेस की । पिछले लेख में मैंने जिक्र किया था कि किस-किस कारण से बच्चों में तनाव हो सकता है। बच्चे चाहे विद्यालय के हों या कॉलेज के, दोनों जगह वे bullying का शिकार हो सकते हैं । लंबे समय तक bully होने पर बच्चा डिप्रेशन या एंजायटी का शिकार भी हो सकता है । उसकी नींद और भूख पर असर पड़ता है। वह खाने में अपनी रुचि को देते है । अनेक शारीरिक लक्षण भी उभर कर आ जाते हैं जैसे सर दर्द , पेट दर्द , थकान आदि होना । पढ़ाई में मन न लगना क्योंकि जब दिमाग में तनाव होता है तो ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है । आप उसी बात की तरफ सोचते रहते हो जो दिन में आपके साथ घटित हुई है । जब किसी बच्चे को बार-बार चिढ़ाया या अपमानित किया जाता है तो उसे खुद पर भरोसा कम होने लगता है। Bullying के शिकार बच्चे अक्सर दोस्तों से दूर हो जाते हैं, जिससे वह अकेलापन महसूस करते हैं । उनमें भय और असुरक्षा उत्पन्न हो जाती है। फिर किसी भी सामाजिक स्थान पर जाने से डरने लगते हैं या स्कूल जाने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कुछ लोग उसे परेशान करेंगे और वह उन लोगों से जूझ नहीं पाएगा।
मित्रों! मैंने अपने अनुभव से जाना है कि इस प्रकार की स्थिति होने पर बच्चों में नकारात्मकता अर्थात नेगेटिविटी आ जाती है। वे किसी भी काम को करने में कतराते हैं ,कोई कोशिश नहीं करते । उनमें आत्मविश्वास की कमी हो जाती है , दोस्तों की हरकतें उनके आत्मविश्वास को तोड़ देती हैं। उन्हें अपने पर भरोसा कम होने लगता है।
तो ऐसी स्थिति में हम क्या करें ?
हमें अपने बच्चे की समस्या को समझ कर उसकी तरफ ध्यान देना होगा, उसके गुणों को उसके सामने रखना होगा , उसे उत्साहित करना होगा कि वह अपनी इन खूबियों के कारण लोगों में अपनी पहचान बन सकता है और अपने आप से प्यार कर सकता है। इस प्रकार हमारे इस नजरिए से वह अपने अंदर बदलाव महसूस करेगा और उसमें आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा।
हमेशा स्वस्थ रहिए और जागरूक रहिए ।
धन्यवाद
अमिता मेहरा